उफ़ लोगों ने भगवान को भी नहीं छोड़ा, मंदिर की जमीन में कब्जा कर बैठे हैं कुछ दबंग लोग,

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                                    रहमतपुर शिव मंदिर                                                                                                                                               आरिफ हिंदुस्तानी ✍️                                                                                                          उत्तराखंड हरिद्वार पिरान कलियरः  पिरान कलियर थाना क्षेत्र के रहमतपुर गांव मे शनिवार को  शिव मंदिर की विवादित जमीन की पेमाश की गई। आपको बताते चले कि लगभग ये जमीन 25 से 30 साल पहले चकबंदी में  शिव मंदिर को दे दी गई थी।

लेकिन इस जमीन को खाली देखकर  मंदिर की  जमीन पर गांव के ही कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया गया था। जो कि अब इस जमीन में अन्य फसल उगाई जा रही है। मौके पर कुछ खास फूस और उड़द की दाल पाई गई। दूसरे पक्ष ने इस जमीन को छोड़ने से साफ मना कर दिया है। निशानदेही करने आए लेखपाल और उनकी टीम को अवैध कब्जा किए गए पक्ष ने साफ बोल दिया कि आप निशानदेही कर सकते है पर आप इसको हमारी सहमति के बिना खाली नहीं करा सकते। रुड़की लेखपाल धर्मेंद्र कुमार ने बताया निशानदेही सभी ग्रामीणों की मौजूदगी में की गई है। उन्होंने ये भी बताया इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कुछ गांव के ही लोगों ने किया हुआ है।

अवैध कब्जा किए गए पक्ष का इस जमीन से कोई तालुक नहीं और न ही ये जमीन इनके नाम है। मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया मंदिर के पक्षधर रविंद्र गिरी ने कहा पक्ष इस जमीन को छोड़ने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। प्रशासन ने कहा निशानदेही कर दी है और निशानदेही करके  पर लकड़ी के छोटे छोटे सर्वे गाड़ दिए हैं पूरी पेमाश कर ली गई है। जिसपे नोटिस जारी थे उसने कब्जा देने से साफ इनकार कर दिया। हम पेमाश नहीं होने देंगे। लोक अदालत पैमाइश कर्ता रविंदर  गिरी ने लोक अदालत में पत्र लिखकर पेमाश करने की मांग उठाई थी। जिसमें चकबंदी सहायक पैमाश लेखपाल के द्वारा की गई।

दूसरे पक्ष ने इस भूमि को छोड़ने से साफ इनकार किया। जिसमें धर्मेंद्र कुमार लेखपाल को गलत शब्द कहते हुए कहा कि यह भूमि हमारी है। लेखपाल धर्मेंद कुमार ने जवाब दिया कि आपके नाम यहां कुछ भी नहीं है यह संपति मंदिर के नाम है। श्याम सुंदर गिरी द्वारा सहायक चकबंदी अधिकारी को एक प्राथना पत्र दिया गया। तब भी कोई पेमाश नहीं कि गई। बिन्दर गिरी द्वारा लोक अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया गया। उसके द्वारा लोक अदालत जिसमें तत्काल आदेश हुए, इसकी भूमि को भूमि माफिया से छुड़ाई जाए। उसके बाद लेखपाल धर्मेंद्र कुमार अपनी टीम लेकर पहुंचे तो उससे पहले भू माफिया को नोटिस जारी कर दिया गया था। तो संपूर्ण पेमाश होने पर भू माफिया ने कब्जा देने से साफ इनकार किया जिस को लेकर लेखपाल ने कहा आपके नाम कोई संपति नहीं फिर आप विवाद क्यों कर रहे है। आपको बता दे कि शिव मंदिर की कमेटी के सदस्यों ने मांग की है कि इस बार निशानदेही पुलिस की मौजूदगी में की जाए ताकि अवैध कब्जा की गई जमीन कब्जा मुक्त की जाए।

इस मौके पर रिपोर्ट कर्ता , रविंदर गिरी (मंदिर के जिम्मेदार,) द्वारा लेखपाल और उनकी टीम आई थी।

सब ग्रामीणों ने कहा आपकी सरकार से निवेदन है कि मंदिर की भूमि को जल्द से जल्द कब्जा मुक्त किया जाए।

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