उत्तराखंड रुड़की/पिरान कलियर: आरिफ हिंदुस्तानी ✍️ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की सख्त मॉनिटरिंग और पुलिस टीम की तेज़ कार्रवाई ने बड़ा खुलासा किया है। होटल संचालक के बेटे अनवर के अपहरण और हत्या की गुत्थी को हरिद्वार पुलिस ने सिर्फ 36 घंटे के भीतर सुलझा लिया।

मामला 6 सितम्बर की रात का है, जब बेड़पुर कलियर निवासी होटल संचालक नसीर के बेटे का अपहरण हुआ और परिजनों से 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। नसीर ने थाना कलियर में शिकायत दर्ज कराई थी।
जांच में पता चला कि नसीर के यहां पिछले 7 साल से बतौर टेलर किराए पर रह रहा अमजद और उसका दोस्त फरमान उर्फ लालू ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने पहले यूट्यूब पर क्राइम पेट्रोल देखकर अपहरण और पुलिस से बचने के तरीके सीखे।
इस तरह दिया वारदात को अंजाम
दिनांक 06-09-2025 को अनवर (अपहृत) को आरोपियों ने अपनी दुकान पर बुलाया। लगभग 4 बजे दोनों ने टेलर की दुकान में ही उसका गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को प्लास्टिक के बोरे में डालकर मोटरसाइकिल से ले जाने की कोशिश की गई। रास्ते में मोटरसाइकिल पंचर हो गई, जिसके बाद 300 रुपये किराए पर ई-रिक्शा लेकर आरोपी पहुंचे और शव को उसमें डालकर सुमन नगर के पास नहर में फेंक दिया।
लाश फेंकने के बाद दोनों आरोपी वापस कलियर मेले में आ गए और घूमते रहे। इसके बाद अमजद ने मृतक के मोबाइल से उसके जीजा को कॉल कर 25 लाख रुपये फिरौती की मांग की और फोन स्विच ऑफ कर दिया। अगले दिन भी उसने मृतक के जीजा को अलग-अलग स्थानों पर रकम देने के लिए बुलाया, लेकिन जब वह नहीं पहुंचा तो आरोपियों ने मोबाइल बंद कर दिया और घर लौट गए।
गिरफ्तार आरोपी
1. अमजद पुत्र सफीक निवासी मुकर्बपुर थाना कलियर, उम्र 33 वर्ष
2. फरमान उर्फ लालू पुत्र यामीन निवासी मुस्तफाबाद थाना बहादराबाद, उम्र 32 वर्ष
पुलिस ने दोनों आरोपियों को दबोचकर उनके कब्जे से मोटरसाइकिल, ई-रिक्शा, मृतक का मोबाइल और शव ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया बोरा बरामद कर लिया है।
पुलिस टीम में पुलिस उपाधीक्षक श्री नरेन्द्र पंत, एसओ रविन्द्र कुमार, व0उ0नि0 बबलू चौहान, उ0नि0 उमेश कुमार, अ0उ0नि0 पुष्कर सिंह चौहान, अ0उ0नि0 राम अवतार, हे0कां0 सोनू कुमार, हे0कां0 जमशेद अली, हे0कां0 रविन्द्र बालियान, हे0कां0 संजय सिंह, का0 विक्रम सिंह, कां0 आबिद अली, का0 जितेन्द्र सिंह एवं का0 चालक नीरज राणा शामिल रहे, साथ ही SOG टीम रूड़की भी मौजूद रही।