बद से बत्तर नगर पंचायत पीरान कलियर की हालत, अधिशासी अधिकारी और अध्यक्ष -कौन लेगा जिम्मेदारी

इस ख़बर को सुने

       आरिफ हिंदुस्तानी पिरान कलियर                                                                                    नगर पंचायत बहा रहा है अपनी बदहाली पर आंसू, हर काम में भ्रष्टाचार की बू

उत्तराखंड पिरान कलियर जिसे उत्तराखंड का पांचवा धाम भी कहा जाता है यहां पर देश और विदेश से आने वाले सैलानी यहां की हालत को देखकर हैरान है देश विदेश में मशहूर उत्तराखंड का कस्बा पिरान कलियर   इन दिनों अपनी बदहाली का रोना रो रहा है। अधिकारियों की हालत ऐसी है की अपनी AC गाड़ी में आते हैं ऑफिस में बैठते हैं और चले जाते हैं कोई भी अधिकारी फील्ड में जाकर देखने को तैयार नहीं हालात ये हैं कि मानो विकास कार्यों में गंगा नहीं, भ्रष्टाचार की नदियाँ बह रही हों। करोड़ों के बजट को ऐसे चट कर दिया गया जैसे बच्चों ने टॉफी निगल ली हो। नतीजा यह है कि नगरवासी अंधेरे, गंदगी और टूटी-फूटी सड़कों में फंसकर अपने नसीब को कोस रहे हैं

नगर पंचायत की 50% से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें कब की बुझ चुकी हैं। रुड़की रोड की हालत तो ऐसी है कि दर्जनों खंभों में सिर्फ दो लाइटें जल रही हैं, बाकी खंभे मानो अंधेरे का सौंदर्य बढ़ाने के लिए ही लगाए गए हों। नालियाँ जाम, कूड़े के ढेर आम नज़ारे बन चुके हैं और हालात यह है कि सड़के कुछ महीनों में ही कबाड़ में बदल गईं।

लोगों का कहना है कि ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलकर ऐसे घटिया काम कराए हैं कि ईंट-पत्थर तक रो रहे हैं। जनता जिसे अपना रहनुमा समझकर चुनकर भेजती है, वही आज “बावनगज” साबित हो रहा है। शपथ ग्रहण के बाद नगर पंचायत में अजब नजारा था— एरा-गेरा नत्थू-खैरा झुंड बनाकर जगह-जगह फीते काट रहे थे, जैसे पूरा नगर उनकी जागीर हो। लेकिन अब वही लोग अपनी तिजोरियों भरकर घरों में चैन की नींद सो रहे हैं, न उन्हें लाइटों से मतलब, न नालों से, न कूड़े से, न जनता की चीख-पुकार से।
नगरवासी तंज कसते हैं कि “नगर पंचायत का बजट आते ही नेताओं की आंखें चमक उठती हैं, जैसे भूखे शेर को शिकार दिखाई दे गया हो।” लेकिन जब हालात सुधारने की बारी आती है तो सभी गूंगे-बहरे बन जाते हैं।

नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान को पत्र भेजकर अवगत कराया गया है कि कार्यों में खुला भ्रष्टाचार हुआ है। घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और मानकों की धज्जियाँ उड़ाई गईं। अब जनता की मांग है कि जांच करवाई जाए और जिन कामों में भ्रष्टाचार हुआ है, उनका भुगतान तुरंत रोका जाए।
कुछ सभासदों का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सब कुछ अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। न तो वे सभासदों की सुनते हैं और न जनता की। उनकी डोर कहीं और से हिलती है, और वे बस उसी के इशारों पर नाच रहे हैं।
नगरवासी साफ कहते हैं कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे। शिकायत सीधे उच्च अधिकारियों तक पहुंचेगी। जनता का टैक्स और सरकार का बजट आखिरकार जनता के विकास के लिए है, नेताओं की जेबें भरने के लिए नहीं। भ्रष्टाचारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी, वरना जनता सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *